How to be heirs of promises in Hindi
प्रत्येक ब्यक्ति अपने जीवन में कोई भी बस्तु दो तरह से पाता है | १. अपनी परिश्रम से एवं २. उत्तराधिकार में | और उत्तराधिकार हमें अपने पिता से मिलता है |अब कितना मिलेगा और क्या मिलेगा यह निर्भर करता है पिता का परिचय से कि वह कौन है | यानि पिता के पास जो होगा वही तो मिलेगा ना ? जरा सोचिये आपका पिता करोढ़पति हो तो आप करोड़ो के मालिक बिना परिश्रम के बन जायेंगे | किन्तु सबके पिता करोढ़पति तो हो ही नहीं सकते | किन्तु अगर आपको पता चले कि कोई विश्व का सबसे धनि ब्यक्ति आपको बेटा बनाना चाहता है तो क्या आप राजी होंगे ? हाँ दोस्तों यह ऑफर सबके लिए है |
कौन है वह ब्यक्ति और क्या है उसके पास ?
ब्यक्ति कि हैसियत उसके वसीयत से पता चलता है कि उसके पास कितन सम्पति है |
और उसके वसीयत में यह लिखा है, "पृथ्वी और जो कुछ उस में है, वह यहोवा का ही है - जगत और वे सब भी जो उस में रहते हैं |" भजन संहिता २४:१ यह भी लिखा है, "क्योंकि तुम सब उस विस्वास के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेस्वर की संतान हो | और यदि मसीह के हो तो इब्रहिम की संतान और प्रतिज्ञा के अनुसार उत्तराधिकारी भी हो |" "मैं अपने और तेरे बीच अपनी वाचा बांधूंगा, तथा तेरे पश्चात तेरे वंश और उनकी पीढ़ी से पीढ़ी के साथ सदाकाल की वाचा इस आशय से बांधूंगा कि मैं तेरा और तेरे पश्चात तेरे वंश का भी परमेस्वर ठहरूं |" गलातियों ३:२६,२९, उत्पति १७:7
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